सुनील ने आरती की बात सुन उसे प्यार से गले लगा लिया। सुनील ने आरती की बात सुन उसे प्यार से गले लगा लिया।
मैं तो अदिति को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था! मैं तो अदिति को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था!
उसका गम छिपाकर भी चुप हैं क्योंकि वह फिर एक मां को दुखी नहीं करना चाहती। उसका गम छिपाकर भी चुप हैं क्योंकि वह फिर एक मां को दुखी नहीं करना चाहती।
वो आज भी महसूस करती है उस मचलन को। वो आज भी महसूस करती है उस मचलन को।
हाँ भई यह बात तो माननी पड़ेगी केतकी तुम्हारी हमेशा बड़की बिटिया को विशिष्ट तोहफ़ा ही देती हो ...मजाल है... हाँ भई यह बात तो माननी पड़ेगी केतकी तुम्हारी हमेशा बड़की बिटिया को विशिष्ट तोहफ़ा ह...
युवाओं को अपनी सोच में परिवर्तन करने की शिक्षा देते हुए संस्मरण के अंदाज में लिखी प्रेरणादायक कहानी। युवाओं को अपनी सोच में परिवर्तन करने की शिक्षा देते हुए संस्मरण के अंदाज में लिख...